1947-48 के युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।
भाग-1 में आपने पढ़ा कि 1971 और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध क्यों हुए थे और उनमें कितना नुकसान हुआ। अब आपको हम बताने जा रहे हैं कि दोनों पड़ोसी देशों में पहला युद्ध क्यों और कब हुआ? साथ ही परमाणु शक्ति संपन्न बन जाने के बाद अगर दोनों देश युद्ध करते हैं तो उसके परिणाम कितना भयावह हो सकते हैं।
1947-48 का युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। आजादी के समय जम्मू-कश्मीर की रियासत और उसके राजा हरि सिंह ने भारत और पाकिस्तान दोनों में किसी में विलय स्वीकार नहीं किया था। लेकिन भारत विभाजन के चंद महीनों बाद ही पाकिस्तान समर्थक कबायलियों ने विद्रोह कर दिया। जब कबायली को पाकिस्तानी सेना ने सीधा समर्थन देना शुरू कर दिया तो कश्मीर के राजा ने भारत में विलय स्वीकार करते हुए समझौता कर लिया और भारतीय सेना उनके बचाव में युद्ध में उतर पड़ी। अक्टूबर 1947 से शुरू हुए इस संघर्ष का समापन 1 जनवरी 1949 में दोनों देशों के बीच हुए शांति समझौते से हुआ। इस युद्ध में करीब 1500 भारतीय मारे गए और करीब 3500 घायल हो गए। वहीं करीब 6000 पाकिस्तानियों की युद्ध में जान गई और करीब 14 हजार घायल हो गए। इस युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।
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